पाण्डुलिपि स्रोत केन्द


राष्ट्रीय पाण्डुलिपि मिशन, इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र, नई दिल्ली (भारत सरकार) द्वारा उत्तराखण्ड संस्कृत अकादमी में पाण्डुलिपि स्रोत केन्द्र (एम0आर0सी0) की स्थापना जून 2005 में की गयी थी। अकादमी के पदेन सचिव पाण्डुलिपि स्रोत केन्द्र के परियोजना समन्वयक होता है।

पाण्डुलिपि स्रोत केन्द्र में सर्वेक्षकों के द्वारा लायी गयी सूचनाएं व पांडुलिपियाँ एकत्रित की जाती हैं। पाण्डुलिपि स्रोत केन्द्र में हस्तलिखित लगभग 2500 पाण्डुलिपियां व पाण्डुलिपि सूचनाएं 30610 हैं। सर्वेक्षकों के द्वारा सूचना उपलब्ध कराने के उपरान्त राष्ट्रीय पाण्डुलिपि मिशन नई दिल्ली द्वारा प्रदत्त साफ्टवेयर पर एन्ट्री की जाती है, इसके बाद राष्ट्रीय पाण्डुलिपि मिशन नई दिल्ली को भेजा जाता है।

सर्वेक्षकों के द्वारा अपने जिले के प्रत्येक विकासखण्ड के गांवों में भ्रमण कर पाण्डुलिपियों की सूचनाएं आदि एकत्रित कर राष्ट्रीय पाण्डुलिपि मिशन द्वारा एक प्रपत्र फार्म पर एन्ट्री कर पाण्डुलिपि स्रोत केंद्र को उपलब्ध करवाया जाता है। समय-समय पर सर्वेक्षकों के द्वारा लायी गयी सूचनाओं की जांच-पड़ताल का कार्य भी किया जाता है।

पाण्डुलिपि स्रोत केन्द्र में संस्कृत, हिन्दी, पंजाबी, उर्दू आदि भाषाओं तथा काव्य, अलंकार, न्याय, इतिहास, कला, स्रोत, पूजन, विधि-विधान, शब्दकोश, वैदिक, बौद्ध दर्शनों, कर्मकाण्ड, पुराण, दर्शन, तन्त्र-मन्त्र, उपनिषद्, महाकाव्य, खण्डकाव्य, व्याकरण, धर्मशास्त्र, ताम्रपत्र, ज्योतिष आदि प्रायः सभी विषयों से सम्बन्धित शास्त्रों की पाण्डुलिपियां संगृहीत की गयी हैं।

राष्ट्रीय पाण्डुलिपि मिशन, नई दिल्ली द्वारा पाण्डुलिपियों के संरक्षण का कार्य एन0एम0एम0, रानीबाग, हल्द्वानी, नैनीताल के माध्यम से करवाया जाता है

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